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Thursday 18 January 2018

भारत ने किया शक्तिशाली अग्नि 5 मिसाइल का सफल परिक्षण



इस मिसाइल को अब्दुल कलाम द्वीप  स्थित एकीकृत परीक्षण केंद्र (आईटीआर) के लांच पैड-4 से एक मोबाइल प्लैटफार्म पर लगे एक कैनिस्टर लांचर से दागा गया। ये चार सफल परीक्षणों के बाद अग्नि-5 मिसाइल का यह पहला यूजर एसोसिएट परीक्षण है।



 मिसाइल की खासियत 
इस मिसाइल की सबसे बड़ी खासियत है MIRV तकनीक यानी एकाधिक स्वतंत्र रूप से लक्षित करने योग्य पुनः प्रवेश वाहन (Multiple Independently targetable Re -entry Vehicle), इस तकनीक की मदद से इस मिसाइल से एक साथ कई जगहों पर वार किया जा सकता है, एक साथ कई जगहों पर गोले दागे जा सकते हैं, यहां तक कि अलग-अलग देशों के ठिकानों पर एक साथ हमले किए जा सकते हैं।अग्नि 5 मिसाइल का इस्तेमाल बेहद आसान है। इसे रेल सड़क हो या हवा, कहीं भी इस्तेमाल किया जा सकता है। देश के किसी भी कोने में इसे तैनात कर सकते हैं जबकि किसी भी प्लेटफॉर्म से युद्ध के दौरान इसकी मदद ली जा सकती हैं। यही नहीं अग्नि
पांच के लॉन्चिंग सिस्टम में कैनिस्टर तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इस की वजह से इस मिसाइल को कहीं भी बड़ी आसानी से ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है, जिससे हम अपने दुश्मन के करीब पहुंच सकते हैं। अग्नि 5 मिसाइल की कामयाबी से भारतीय सेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी क्योंकि न सिर्फ इसकी मारक क्षमता 5 हजार किलोमीटर है, बल्कि ये परमाणु हथियारों को भी ले जाने में सक्षम है।

अग्नि-5 भारत की पहली अंतर महाद्वीपीय यानी इंटरकॉन्टिनेंटल बालिस्टिक मिसाइल है। यानी आज के बाद भारत की गिनती उन 5 देशों में होगी जिनके पास है इंटरकॉन्टिनेंटल बालिस्टिक मिसाइल यानी आईसीबीएम. भारत से पहले अमेरिका, रूस, फ्रांस और चीन ने इंटर-कॉन्टिनेंटल बालिस्टिक मिसाइल की ताकत हासिल की hai. ये करीब 10 साल का फासला है जब भारत की ताकत अग्नि-1 मिसाइल से अब अग्नि 5 मिसाइल तक पहुंची है। 2002 में सफल परीक्षण की रेखा पार करने वाली अग्नि-1 मिसाइल- मध्यम रेंज की बालिस्टिक मिसाइल थी। इसकी मारक क्षमता 700 किलोमीटर थी और इससे 1000 किलो तक के परमाणु हथियार ढोए जा सकते थे।फिर आई अग्नि-2, अग्नि-3 और अग्नि-4 मिसाइलें. ये तीनों इंटरमीडिएट रेंज बालिस्टिक मिसाइलें हैं। इनकी मारक क्षमता 2000 से 3500 किलोमीटर है। और अब भारत का रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन यानी डीआरडीओ परीक्षण करने जा रहा है अग्नि-5 मिसाइल का

भारत ऐसी मिसाइल बनाने वाला दुनिया का चौथा देश है

भारत गुरुवार को लम्बे समय से प्रतीक्षारत अग्नि-5 मिसाइल का सफल परीक्षण कर मिसाइल शक्ति सम्पन्न राष्ट्रों के विशेष समूह में शामिल हो गया। अग्नि-5 लम्बी दूरी की परमाणु क्षमता युक्त बैलिस्टिक मिसाइल है, जो 5,000 किलोमीटर से भी दूर के लक्ष्य को निशाना बना सकती है। इस मिसाइल को 'चाइना किलर' कहा जा रहा है।ओडिशा के भद्रक जिले के व्हीलर द्वीप से यह परीक्षण किया गया। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) प्रमुख वी.के. सारस्वत ने यहां परीक्षण स्थल पर संवाददाताओं को बताया कि मिसाइल का परीक्षण गुरुवार सुबह 8.07 बजे हुआ।

अमेरिका, रूस व चीन के बाद भारत ऐसा चौथा देश है जिसके पास इस तरह की मिसाइल है। भारत को अग्नि-5 मिसाइल को बनाने में चार साल का समय लगा।देश के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के प्रमुख वी.के. सारस्वत ने यहां संवाददाताओं से कहा, ''तीन चरणों वाली अग्नि-5 मिसाइल की पूरी क्षमता का सफलतापूर्वक प्रदर्शन हुआ। मिशन से सम्बंधित सभी उद्देश्य व परिचालन लक्ष्य हासिल हुए हैं।''



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