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Wednesday 21 March 2018

रेलवे, SSC, बैंक व अन्य सभी केंद्रीय सरकारी नौकरियों के लिए एक ही सामान्य पात्रता परीक्षा (CET)



प्रतियोगी परीक्षाओं को अत्यधिक पारदर्शी बनाने के लिए केंद्र सरकार सामान्य पात्रता परीक्षा (CET) 2019 के आयोजन पर विचार कर रही है. सरकार का मानना है कि विभिन्न सरकारी नौकरी भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता के उद्देश्य से सभी सरकारी नौकरी की परीक्षाओं के लिए एक प्लेटफॉर्म 'सामान्य पात्रता परीक्षा' (CET) हो. जिससे भर्ती परीक्षाओं का समुचित और उचित रीति से संचालन किया जा सके और उम्मीदवार परीक्षा के पश्चात जिन परेशानियों का सामना करते हैं उनसे बच सकें.
इस मामले में भारत सरकार ने सरकारी परीक्षाओं में पारदर्शिता बनाने के उद्देश्य से 14 मार्च, 2018 को राज्य सभा में एक बिल तैयार हुआ जिसे प्रस्तुत भी किया गया. बिल के अनुसार भारत सरकार की ग्रुप ‘बी’ (गैर-राजपत्रित) और नीचे के स्तर के पदों की रिक्तियों हेतु उम्मीदवारों के चयन के लिए सभी प्रतियोगी परीक्षाओं को अब एक सामान्य चयन परीक्षा  अर्थात सामान्य पात्रता परीक्षा (CET) के माध्यम से आयोजित कराए जाने का उद्देश्य है. सीईटी के सभी तीन स्तरों के लिए लगभग 5 करोड़ उम्मीदवारों का पंजीकरण होने का अनुमान है, जिससे यह दुनिया की सबसे बड़ी परीक्षा बन सकती है.
सरकार ने सदन में सामान्य पात्रता परीक्षा (CET) के माध्यम से विभिन्न सरकारी परीक्षाओं जैसे एसएससी, बैंकिंग, रेलवे और अन्य परीक्षाओं के लिए आगामी वर्ष 2019 से सामान्य पात्रता परीक्षा (CET) आयोजित कराने का विचार रखा. सामान्य पात्रता परीक्षा (CET) सम्बन्धी मामले में सरकार की और से कोई आधिकारिक अधिसूचना जारी नहीं की गई है. सरकार ने परीक्षा के समुचित संचालन में विफलता और भविष्य में परीक्षाओं हेतु बढ़ते उम्मीदवारों की संख्या के दवाब के दृष्टिगत उम्मीदवारों को परीक्षा संचालन में होने वाली अनियमितताओं और अव्यवस्था से निजात दिलाने के लिए 14 मार्च 2018 को राज्य सभा में सामान्य पात्रता परीक्षा (CET) का विचार दिया.
सरकार द्वारा प्रस्तावित किए गए सीईटी (CET) परीक्षा का उद्देश्य-
विभिन्न भर्ती प्रक्रियाओं में पारदर्शिता लाने और व्यवस्थित तरीके से परीक्षाओं का आयोजन करना.
परीक्षाओं के समुचित संचालन में बार- बार विफलता और भविष्य में परीक्षा के लिए बढ़ते उम्मीदवारों की संख्या को निर्दिष्ट करते हुए उम्मीदवारों को परीक्षा संचालन में होने वाली अनियमितताओं और अव्यवस्था से मुक्ति दिलाना.
संचालन कार्यभार और कम जनशक्ति के साथ चुनौतियों से निपटना.
सीईटी (CET) के लिए पंजीकरण अनिवार्य-
संशोधित व्यवस्था के तहत प्रक्रिया शुरू करने के लिए, श्रम और रोजगार मंत्रालय के नेशनल कैरियर सर्विसेज (NCS) द्वारा विकसित एक समर्पित पोर्टल पर उम्मीदवारों को अनिवार्य रूप से खुद को पंजीकृत करना होगा, जो प्रत्येक उम्मीदवार के लिए एक यूनिक आईडी प्रदान करेगा.

सरकार द्वारा सीईटी (CET) आयोजित करने का कारण-
विभिन्न सरकारी संस्थानों में कर्मचारियों/ अधिकारियों की नियुक्ति हेतु सम्बंधित संस्थानों द्वारा निकट भविष्य में आयोजित कराई गई परीक्षाएं किसी न किसी कारण असफल रहीं. सरकार द्वारा इसको गंभीरता से लिया गया इसी कारण सीईटी (CET) के गठन पर विचार किया गया. कर्मचारी चयन आयोग के अनुसार आयोग को पिछले पांच वर्षों में 9 परीक्षाएं आंशिक या पूर्णरूप से रद्द करनी पड़ी.
इनमे अनियमिताओं और अव्यवस्थाओं के कारण संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा (CGLE) 2013, संयुक्त उच्च माध्यमिक स्तर परीक्षा (CHSLE), 2013 इस परीक्षामे 432 उम्मीदवारों को प्रवेश पत्र ही निर्गत नही किया गया. संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा (CGLE) 2014, संयुक्त उच्च माध्यमिक स्तर परीक्षा (CHSLE) 2014 इस परीक्षा के विभिन्न परीक्षा केन्द्रों पर अव्यवस्था और नक़ल के मामले बताए गए. इसमे दिल्ली परीक्षा केन्द्र भी सम्मिलित है. कॉन्स्टेबल(GD) परीक्षा, 2015. मल्टी टास्किंग स्टाफ परीक्षा (गैर तकनीकी) [MTSE (NT)] 2016, संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा, 2016 (CBE – टियर I) और SI /CAPF परीक्षा, 2016 के प्रश्न पत्र (OMR मोड) ही लीक हो गए. संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा, 2016 (CBE – टियर II) तकनीकी (सर्वर) त्रुटि के कारण 9571 उम्मीदवार प्रभावित हुए.
ऐसे मामलों के दृष्टिगत सरकार का मानना है की इससे एक तरफ जहां आयोग की खराब छवि खराब और धन की बर्बादी होती है वहीं, उम्मीदवारों के साथ आयोग का  समय भी बर्बाद होता है. इन्ही कारणों से संसदीय समिति ने यह अनुशंसा की. समिति ने यह भी अनुशंसा की कि परीक्षाओं को आसान बनाने के लिए सरकारी एजेंसियों द्वारा हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर की नियमित लेखा परीक्षा आयोजित की जानी चाहिए.

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